
हेलो दोस्तों ! Covid-19 पर मेरे अनुभव को आपने पढ़ा और मेरे स्वास्थ्य को लेकर मुझे शुभकामनायें भी दीं उसको लेकर धन्यवाद। पिछले लेख में मैंने आपसे कहा था कि डॉक्टरों और अस्पतालों संग मैं आपको अपना अनुभव बताउंगी लेकिन आप में से अधिकतर लोग पहले आयुर्वेदिक दवा और घरेलू नुस्ख़े जानना चाहते हैं जिनसे मेरे स्वास्थ्य बिलकुल ठीक हो गया। इसी को देखते हुए मैंने आपकी इच्छानुसार आज यही जानकारी साझा की है।
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सबसे महत्वपूर्ण बात कि ये घरेलू नुस्ख़े मैंने इंटरनेट पर बिलकुल नहीं पढ़ें हैं और किसी भी चीज़ के सेवन से पहले मैंने अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य ली है। अगर आप इनमें से कुछ भी प्रयोग में लाते हैं तो मात्रा का ध्यान अवश्य रखें कोई भी चीज़ ज़्यादा मात्रा में न लें और डॉक्टर से सलाह भी ज़रूर लें।
दवा और घरेलू नुस्ख़े
हमारी Covid-19 की टेस्ट रिपोर्ट जो कि पॉजिटिव थी, 18 जून को आयी थी जिसके तुरंत बाद हमारे डॉक्टर ने हमें बुख़ार की दवा पेरासिटामोल लेने को कहा और कुछ मल्टीविटामिन लिखकर दीं। साथ ही कुछ और कोरोना के मरीज़ों से मेरी बात हुई और उन्होंने मुझे एक काढ़ा बताया जो मेडिकल की दुकानों पर उपलब्ध था, इसकी तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं।
इसके अलावा डॉक्टर से पूछकर हमने सुबह और शाम बहुत थोड़ी मात्रा में हल्दी डालकर दूध लेना भी शुरू किया। डॉक्टर ने हमें दिन में दो बार गर्म पानी में नमक डालकर उसके गरारे भी बताये। इन सभी चीज़ों का सेवन मैं, मेरे पति और बच्चा तीनों कर रहे थे।
दो दिन बाद जब बुख़ार आना बंद हुआ तो हमने बुख़ार की दवा बिलकुल बंद कर दी, लेकिन मल्टीविटामिन जारी थीं और ये सभी घरेलू उपाय भी चल रहे थे।

साथ ही इस बीमारी में विटामिन-सी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए दवा की दुकान पर विटामिन-सी की गोलियां उपलब्ध होती हैं, लेकिन हमने उन फलों का सेवन किया जिनमें ज्यादा मात्रा में विटामिन-सी मिलती है जैसे कि नींबू, मौसम्बी, इत्यादि।
इस बीमारी में ठंडा पानी ठीक नहीं है, इसीलिए हमने गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर उसका सेवन किया और अभी भी कर रहे हैं। इसके अलावा मौसंबी भी हमने भरपूर मात्रा में ली है।
काढ़ा बनाने की विधि –
- ये बहुत महत्वपूर्ण है कि काढ़े और हल्दी की मात्रा कम रखें क्योंकि मौसम गर्मी का है और ये चीज़ें बहुत गर्म हैं। हम तीन लोगों का काढ़ा बनाने में 3 कप पानी और आधा छोटी चम्मच काढ़े का मिश्रण डलता है और ये पानी तब तक उबलने देना होता है जब तक ये आधा न रह जाए। इसके बाद छोटा वाला आधा-आधा कप काढ़ा हम लेते हैं और कड़वाहट दूर करने के लिए इसमें आधा-आधा चम्मच शहद डालते हैं। मेडिकल शॉप पर ये आपको पाउडर के रूप में 240 रूपए में मिल जाएगा। हम तीन लोगों के लिए एक डब्बा लगभग महीनेभर आराम से चला है।
- हल्दी वाले दूध में दूध को अच्छा गर्म रखें और सिर्फ चुटकी भर हल्दी डालें।

दिनचर्या
मैंने और मेरे पूरे परिवार ने इस बीमारी में बहुत ज्यादा कमज़ोरी और थकान महसूस की है, ऐसे में खाना बना पाना और नियमित रूप से किसी भी दिनचर्या का पालन काफी मुश्किल था, फिर भी हमने कोशिश की और घरेलू नुस्ख़े अपनाए, ताकि सेहत में जल्दी सुधार हो।
सबसे पहले उठते ही हम गर्म पानी में नींबू डालकर पिया करते थे, इसके बाद हम चाय लेते थे, क्योंकि हमें उसकी बहुत आदत है, हालांकि ये अच्छी आदत नहीं है। लगभग कुछ समय के बाद हम फल लेते थे, क्योंकि इतनी जल्दी खाना नहीं बन पाता था। फलों में हमने पपीता, सेब, मौसम्बी, अनार, किवी का काफी प्रयोग किया, लेकिन कोई भी फल हमने फ्रिज में रखा ठंडा नहीं खाया है। किसी किसी किसी दिन बीच में ब्रेड और हल्दी वाला दूध लेते थे। इसकी के साथ हम सुबह की 7.30 -8.00 बजे वाली धूप में भी लगभग 20 मिनट बिताते थे, ताकि विटामिन-डी मिल सके

इसके बाद दोपहर में कोई भी साधारण सब्ज़ी या दाल और सादी रोटी ही बनाते थे, सच कहूं तो और कुछ बनाने की ताकत भी नहीं थी। इसके बाद गर्म पानी में नमक डालकर गरारे और फिर इसके बाद दोपहर को हम सोते ज़रूर थे, क्योंकि थकान बहुत रहती थी और डॉक्टर का कहना था कि इसमें आराम बहुत अधिक मात्रा में चाहिए होता है।
शाम को भी थोड़ी भूख में 1-2 बिस्कुट के साथ दूध वाली चाय हमें चाहिए होती है। फिर इसके बाद रात को हम खिचड़ी, पोहा ऐसा कुछ हल्का या कोई सब्ज़ी के साथ रोटी लेते थे। खाना थोड़ा जल्दी लेना पड़ता था क्योंकि इसके आधे घंटे के बाद हम गर्म पानी वाले गरारे करते थे, फिर लगभग 15-20 मिनट रूककर काढ़ा लेते थे और उसके आधे घंटे के बाद गर्म दूध लेकर सोते थे।
इस दिनचर्या में महत्वपूर्ण था कि आप भूखे बिलकुल न रहें ताकि आपका शरीर इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज़ तैयार कर सके और भरपूर नींद बहुत ज्यादा ज़रूरी है, वरना थकान इतनी होती है कि दो वक़्त का खाना भी बनाना मुश्किल हो जाता है।
- इस बीमारी में घबराएं नहीं। ज़रुरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लेते रहे।
- हमने घर पर आपस में भी थोड़ी दूरी बनाकर रखी।
- मैंने खाना बनाते समय बीच-बीच में 2-3 बार हाथ धोये हैं।
- खाना बनाते समय अगर थोड़ी भी सांस फूलती थी, तो मैं 10 मिनट का आराम करके फिर वापस रसोई में जाती थी। अपने आप को थोड़ा भी काम का तनाव न दें।
- मैंने अपने घर में किसी को कोई भी ठंडा पानी या और कोई ठंडी चीज़ नहीं दी।
- घरेलू नुस्ख़े ज्यादा मात्रा में कोई दवा या हल्दी या काढ़ा न लें। हमें दिन में दो बार आधा आधा कप काढ़ा लिया उससे ज्यादा नहीं।
- पेट में गर्मी न हो इसीलिए ग्लूकोस का पानी भी दिन में हम लेते रहे हैं। पानी की मात्रा भी बढ़ाएं।